पखांजूर से धनंजय चंद की रिपोर्ट- तालाब में तब्दील स्कूल बच्चे को होती है भारी परेशानी, कोयलीबेड़ा विकास खण्ड के एक ऐसा स्कूल जहां बच्चों को काफी परेशानी का सामना करते हुए अपना पढ़ाई करना पड़ रहा है,जी हाँ हम बात कर रहे पखांजूर मुख्यलय से कुछ ही दूरी पर स्तिथ प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला ग्राम पंचायत जबेली के आक्षित गांव चिरहिपारा में कुल 30 बच्चे पढ़ाई करते हैं,स्कूल भवन की स्थिति ऐसा है की बरसात में बच्चे खड़े खड़े छाता के सहारे करते हैं पढ़ाई,स्कूल छत से टपकता है पानी जिसके चलते तालाब में तब्दील हो जाता है पूरे बरसात में जिससे बच्चे स्कूल में बैठ नही पाते नही ठीक से पढ़ाई कर पाते हैं जिससे बच्चों के भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है।

स्कूल जाने तक नही है सड़क--- बच्चे स्कूल जाने के लिए अपने जान जोखिम में डालकर खेत खलियानों से जंगल से पहोचते है स्कूल जिससे बच्चों को जान का भी कई प्रकार की खतरा होता है,बरसात के समय खेतों में कई प्रकार की जानलेवा जहरीले कीड़े मकोड़े की सामना करते हुए स्कूल पहुँचते हैं ।
यहाँ स्कूल वर्ष 2009 में बना था और यह उसी साल छत से पानी टपकना शुरू हो गया था जिसकी जानकारी देने के बाद भी इसको ठेकेदार द्वारा ठीक नही कराया गया और न ही विभाग इस और ध्यान दिया ।इससे यहाँ प्रतीत होता है की विभाग इतना जायदा साठ गांठ है की गलत को भी सही बताते हुए बिल पास कर देता है जिसका हरजाना इस भोले भाले बच्चों को उठाना पढ़ता है
स्कूल में नही है शौचालय आधा अधूरा शौचालय निर्माण कर छोड़ दिया गया जिससे बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है,बच्चे शौच के लिए जंगल की सहारा लेना होता है ऐसे में देखा जाय तो स्कूल की व्यवस्था सुविधा जैसे कुछ भी नही जिससे स्कूल के बच्चे के साथ साथ शिक्षक भी काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं
वर्सन-- सपन मंडल,,,,माध्यमिक शाला 15 बच्चे, प्राथमिक शाला 16 बच्चे, भवन से पानी टपकने से भारी परेशानी होता है, स्कूल के अंदर तालाब बन गया है जिससे बच्चे बैठ नही पाते हैं,छाता लेकर खड़े खड़े करवाते हैं पढ़ाई,कई बार उच्च अधिकारी को शिकायत किया गया पर आज तक किसी ने सुध नही लिया जा रहा है।
वर्सन-- चपला बैरागी शिक्षिका-हर साल बरसात में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है, स्कूल के अंदर पानी भराव के चलते खड़े खड़े छाता के सहारे पड़ते हैं, कई बार उच्च अधिकारी को जानकारी दिया गया मगर अब तक ठीक नही करवाया गया।

स्कूल जाने तक नही है सड़क--- बच्चे स्कूल जाने के लिए अपने जान जोखिम में डालकर खेत खलियानों से जंगल से पहोचते है स्कूल जिससे बच्चों को जान का भी कई प्रकार की खतरा होता है,बरसात के समय खेतों में कई प्रकार की जानलेवा जहरीले कीड़े मकोड़े की सामना करते हुए स्कूल पहुँचते हैं ।

स्कूल में नही है शौचालय आधा अधूरा शौचालय निर्माण कर छोड़ दिया गया जिससे बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है,बच्चे शौच के लिए जंगल की सहारा लेना होता है ऐसे में देखा जाय तो स्कूल की व्यवस्था सुविधा जैसे कुछ भी नही जिससे स्कूल के बच्चे के साथ साथ शिक्षक भी काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं
वर्सन-- सपन मंडल,,,,माध्यमिक शाला 15 बच्चे, प्राथमिक शाला 16 बच्चे, भवन से पानी टपकने से भारी परेशानी होता है, स्कूल के अंदर तालाब बन गया है जिससे बच्चे बैठ नही पाते हैं,छाता लेकर खड़े खड़े करवाते हैं पढ़ाई,कई बार उच्च अधिकारी को शिकायत किया गया पर आज तक किसी ने सुध नही लिया जा रहा है।
वर्सन-- चपला बैरागी शिक्षिका-हर साल बरसात में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है, स्कूल के अंदर पानी भराव के चलते खड़े खड़े छाता के सहारे पड़ते हैं, कई बार उच्च अधिकारी को जानकारी दिया गया मगर अब तक ठीक नही करवाया गया।
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