Skip to main content

Posts

Showing posts from 2019
पखांजूर   -- परलकोट के सबसे पुराने और ऐतिहासिक सीतराम मेला में शामिल हुए कमांडेंट मोहिन्दर लाल।प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 24 मार्च को आंरभ हुआ।क्षेत्रवाशियो में खुशी की लहर। ग्रामीणों द्वारा बीएसएफ को आमंत्रित किया गया आमंत्रण को शिकार  करते हुए श्री मोहिन्दर  लाल कमांडेंट 121वी वाहिनी सुरक्षा बल अपनी जवानों के साथ बांदे से लगभग 30 किलोमीटर दूर कोटरी नदी को पार करते हुए  बिना किसी डर व खौप के परलकोट मेला में पहुंचे सीमा सुरक्षा बल को देख कर ग्रामीणों में उत्साह का माहौल बन गया सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट महिंद्र मोहिन्दर लाल ने पलकोट मंदिर में नारियल चढ़ाकर पूजा अर्चना की साथ ही 11000 रु का दान भी किया।साथ ही मंदिर में उपयोग सामान, चटाई,सोलर लाइट, तथा ग्रामीणों जरूरत के हिसाब से  ग्रामीण को समान भी वितरण किया । परलकोट मेला का इतिहास या परलकोट विद्रोह 1825 1774 के हलबा विद्रोह को मिलकर समाप्त करने के बाद मराठी दीवानों और अंग्रेजों ने बस्तर के भूमि पर अपने अधिकार के झंडे पूर्णतः गाड़ दिए। और इस विजय का जश्न, वो वहाँ के भोले भाले आदिवासियों पर ज़ुल्म, ...